लव इज माय लाइफ ए ब्यूटीफुल लव स्टोरी
अब मैं तुम्हें इस कहानी का दूसरा अध्याय, इंतजार सुनाता हूं, सुनो,,,,
ईश्वर ने कहा -" इंतजार का अर्थ धैर्य, संयम, अनुशासन व नियंत्रण का प्रतीक होता है, इंतजार, मनुष्य के जीवन कि उस जिज्ञासा का समय होता है, जिसका शुभ, अशुभ परिणाम का प्रभाव,हमारे जीवन पर पड़ता है, किसी भी विषय की घटना के आरंभ से उसके अंत के बीच के समय, को इंतजार कहा जा सकता है, इंतजार मनुष्य के जीवन का एक ऐसा समय है जो जीवन भर समाप्त नहीं होता है, क्योंकि इंतजार से हमारी सकारात्मक सोच जुड़ी हुई होती है, अगर हम एक पेड़ उगाएंगे तो उसका फल प्राप्त करने के लिए, हमें निश्चित समय का इंतजार करना होगा, एक और उदाहरण यह है कि हम जब कोई नौकरी करते हैं तो उस नौकरी की तनख्वाह पाने के लिए भी हमें इंतजार करना होता है, अंत इंतजार हमारे जीवन का ऐसा नियम है, जिसका फल हमारे कर्मों से जुड़ा है"!
अब आगे कहानी
अगर ब्रह्मा जी फुर्ती से लव की कनपटी से वह पिस्तौल नहीं हटाते तो अब तक, लव की खोपड़ी के परखच्चे उड़ गए होते, लव की इस हरकत से डैनी घबरा जाता है और वह स्नेहा और उसकी मां को जिंदा छोड़ देता है
संजय की मृत्यु को एक महीना बिक चुका है, इस एक महीने में लव और स्नेह के बीच में तो कभी बातचीत हुई है और ना ही मुलाकात हुई है, अब लव हमेशा उदास रहता है, उसका वर्तमान हाल, सिंधु घाटी सभ्यता की तरह हो गया है, जो तबाह बर्बाद हो चुकी है और आज खुद ही अपने अस्तित्व से अनजान है, उसकी यह उदासी डैनी और ब्रह्मा जी के लिए भी परेशानी का कारण बन गई है, इसीलिए ब्रह्मा जी प्रतिदिन सोनिया को लव से मिलाने के लिए लाते हैं पर सोनिया की सारी समझाइशो और कोशिशों का लव पर कोई प्रभाव नहीं हो रहा है
लव प्रतिदिन की तरह आज भी उसे पहाड़ी पर आया है, जहां स्नेहा की बहुत सी यादें ताजा हो जाती है, लव यहां घंटो बैठकर, उन यादों में सुकून की तलाश करता है, जिसकी उसे जरूरत है, आज इंतजार, स्नेहा के साथ अपनी उस सच्चाई को भी लाया है, जो इंतजार की वास्तविकता है
लव के पीछे स्नेहा खड़ी है, लव, स्नेहा के एहसास को महसूस कर लेता है और चार पंक्तियों में अपनी इंतजार की दास्ताँ बयान करता है, जो इस प्रकार है
शायरी
तेरे एहसास ने मेरे, इंतजार को सच कर दिया तुने यहां आकर, सुनें जहां को रोशन कर दिया कौन कहता है, इंतजार नहीं करना चाहिए इस इंतजार ने मेरे इरादो को मजबूत कर दिया है
जब लव पलट कर स्नेहा से रूबरू होता है तो उसकी भीगी पलकों को देखा है और कहा
"तुम रोती हुई, अच्छी नहीं लगती हो"!
"पर तुम, हंसते हुए, बहुत अच्छे लगते हो"! स्नेहा ने कहा
"जो हुआ, मुझे उसका दुख है, मैं, हमारी दोस्ती के लिए, कुछ नहीं कर पाया"! लव ने उदास भाव से कहा
"तुम हमारी दोस्ती के लिए, जो कर सकते थे, वह तुमने कर दिखाया, मैं शहर को छोड़कर जा रही हूं"! स्नेहा ने मुश्किल से कहा
लव -" कहां जा रही हो"?
स्नेहा -"बता नहीं सकती"!
लव -"फिर कब मिलेंगे"?
स्नेहा -"इसका जवाब, वक्त के पास है"!
लव -"मैं, तुम्हारे बिना कैसे रहूंगा"?
स्नेहा -" यही पूछने तो तुम्हारे पास आई हूं"!
लव -" मैं, तुम्हें कभी नहीं भूल पाऊंगा"!
स्नेहा -" मैं तुम्हें हमेशा याद रखुंगी"!
लव -"मुझे, तुमसे मिलकर खुशी मिलती है"!
स्नेहा -"मेरी, तुमसे मिलकर, दुआ कबूल होती है"!
लव -"तुम, मुझसे मिलने के लिए, दुआ मांगती हो"!
स्नेहा -" मुझे, तुमसे मिलकर, सब कुछ मिलता है"!
लव -"तुम, मुझे बहुत अच्छी लगती हो"!
स्नेहा -"तुम, मुझे सबसे अच्छे लगते हो"!
लव -"मैं, तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं"!
स्नेहा -" मैं, तुम्हारे लिए सब कुछ कर सकती हूं"!
लव -" मेरी हर खुशी की वजह, तुम हो"!
स्नेहा -"मेरे जीने की वजह, केवल तुम हो"!
लव -" मैं, तुम्हारे साथ मरना चाहता हूं"!
स्नेहा -"मैं, तुम्हारे साथ जीना चाहती हूं"!
लव -"मैं बड़ा होकर, तुम्हें प्रपोज करूंगा"!
स्नेहा -"मैं, तुम्हें मना कर दूंगी"!
लव -"क्यों"?
स्नेहा -"क्योंकि यह तुम्हें, बताने की जरूरत नहीं है"!
लव -"तुम बड़ी होकर, बदल तो नहीं जाओगी"!
स्नेहा -"जमाना बदल जाएगा पर मुझे नहीं बदल पाएगा"!
लव -"मैं यही तुम्हारा इंतजार करूंगा"!
स्नेहा -"में एक दिन यहां, जरूर आऊंगी"!
तभी अचानक कार का हार्न बजता है, यह सुन लव का ध्यान कार की तरफ जाता है
"कार में कौन है"? लव ने पूछा
"मम्मी जी है"! स्नेहा ने बताया
"क्या मम्मी जी,,मुझसे मिलना नहीं चाहती है"? लव न पूछा
स्नेहा -"हां,,,नहीं मिलना चाहती है, अब मैं चलती हूं, तुम्हारा ख्याल रखना"! यह कहकर स्नेहा लव को पीठ दिखाकर चलने लगती है, लव किसी तरह अपनी हिम्मत को बांधे रखता है, तभी हवाओं के साथ तेज बारिश शुरू हो जाती है, लव जाती हुई स्नेहा को देख रहा है फिर उसकी यह दिखावे की हिम्मत हार जाती है, वह अपने दर्द को और नहीं छिपा पाता है और फूट-फूट कर रोने लगता है
उधर कार में बैठी स्नेहा, भी रोने लगती है, इस तरह लव और स्नेहा अलग हो जाते हैं पर साथ ही उस उम्मीद से भी जुड़ जाते हैं, जिसे मकसद कहा जाता है, संसार में यह कहावत प्रसिद्ध है कि जो लोग मकसद के पीछे भागते हैं, वह कभी नहीं हारते हैं, इसी आधार से अभी, हम यह मान सकते है कि लव ने स्नेहा को और स्नेहा ने लव को अपना मकसद बना लिया है, इस वक्त इसी मकसद के कारण,लव और स्नेहा की स्थिति और भाव एक से है, जो इस प्रकार है
शायरी
आज जीते इस तरह हैं कि सब कुछ हार गए हैं और हारे इस तरह हैं कि सब कुछ जीत गए हैं आज हारे भी हम ही है और जीते भी हम ही हैं क्योंकि अब हमारे सपने जीने का मकसद बन गए हैं
स्नेहा ओर लव, वक्त के इस फैसले को स्वीकार कर लेते हैं और इंतजार को इम्तिहान मानकर, इसे अपना मकसद बना लेते हैं, इन दोनों में बिछड़ने की तड़प नहीं है, इनके पास में इंतजार का ऐसा सुकून, ऐसी उम्मीद है और एक दूसरे पर इतना अटूट विश्वास है, जो इन्हें हमेशा, इस प्यार के बंधन में बांधे रखेगा, इसी इंतजार के साथ कि हम एक दिन जरुर मिलेंगे
उधर हमारी नायिका, स्नेहा,,,ऐसी जगह पर आ गई है जिसे इस संसार का स्वर्ग कहा जाता है, स्नेहा ने यहां एक स्कूल में एडमिशन ले लिया है और यहां दो प्यारे दोस्त भी बना लिए हैं, स्नेहा के दोस्त, आसिफ और आरोही,,,,
Rupesh Kumar
18-Dec-2023 07:37 PM
Nice
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Gunjan Kamal
18-Dec-2023 05:41 PM
👌👏
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Khushbu
18-Dec-2023 05:10 PM
Nyc
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